लड़के हॉकी खेलेंगे ।
प्रकाश लिख रहा है ।
वह बैठा हुआ है ।
बच्चा सो रहा है ।
उपर्युक्त वाक्यों में खेलेंगे, रहा है, बैठा हुआ है और सो रहा है शब्दों से किसी कार्य के होने या करने अथवा अवस्था या स्थिति का बोध हो रहा है ।
खेलेंगे ।
लिख रहा है ।
(कार्य किए जाने का बोध हो रहा है । )
बैठा हुआ है ।
सो रहा है ।
(कार्य के होने का बोध हो रहा है । )
परिभाषा - जिस शब्द से किसी काम के होने या करने का बोध होता है , उसे क्रिया कहते हैं ।
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद है -
अकर्मक क्रिया :
अकर्मक क्रिया का अर्थ है बिना कर्म वाली क्रिया अर्थात जिन क्रियाओं में कर्म की अपेक्षा नहीं रहती, वे अकर्मक क्रियाये कहलाती है ।
जैसे -
मनोज दौड़ता है ।
नैना हँसती है ।
अकर्मक क्रियाओ के व्यापार एवं फल दोनों कर्ता पर पड़ते है । इन क्रियाओ का प्रश्न वाचक बनाने पर उत्तर प्राप्त नहीं होता है । नैना हँसती है । (क्या हँसती है । उत्तर नहीं मिलेगा । अंतः हँसना अकर्मक क्रिया है । )
सकर्मक क्रिया :
सकर्मक क्रिया का अर्थ है कर्मयुक्त क्रियाये अर्थात जिन क्रियाओं में कर्म की अपेक्षा रहती है, वे सकर्मक क्रियाये कहलाती है ।
जैसे -
शीला पत्र लिख रही है ।
सकर्मक क्रियाओ में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है । इन क्रियाओ का प्रश्न वाचक बनाने पर उत्तर प्राप्त होता है ।
प्रकाश लिख रहा है ।
वह बैठा हुआ है ।
बच्चा सो रहा है ।
उपर्युक्त वाक्यों में खेलेंगे, रहा है, बैठा हुआ है और सो रहा है शब्दों से किसी कार्य के होने या करने अथवा अवस्था या स्थिति का बोध हो रहा है ।
खेलेंगे ।
लिख रहा है ।
(कार्य किए जाने का बोध हो रहा है । )
बैठा हुआ है ।
सो रहा है ।
(कार्य के होने का बोध हो रहा है । )
परिभाषा - जिस शब्द से किसी काम के होने या करने का बोध होता है , उसे क्रिया कहते हैं ।
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद है -
अकर्मक क्रिया :
अकर्मक क्रिया का अर्थ है बिना कर्म वाली क्रिया अर्थात जिन क्रियाओं में कर्म की अपेक्षा नहीं रहती, वे अकर्मक क्रियाये कहलाती है ।
जैसे -
मनोज दौड़ता है ।
नैना हँसती है ।
अकर्मक क्रियाओ के व्यापार एवं फल दोनों कर्ता पर पड़ते है । इन क्रियाओ का प्रश्न वाचक बनाने पर उत्तर प्राप्त नहीं होता है । नैना हँसती है । (क्या हँसती है । उत्तर नहीं मिलेगा । अंतः हँसना अकर्मक क्रिया है । )
सकर्मक क्रिया :
सकर्मक क्रिया का अर्थ है कर्मयुक्त क्रियाये अर्थात जिन क्रियाओं में कर्म की अपेक्षा रहती है, वे सकर्मक क्रियाये कहलाती है ।
जैसे -
शीला पत्र लिख रही है ।
सकर्मक क्रियाओ में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है । इन क्रियाओ का प्रश्न वाचक बनाने पर उत्तर प्राप्त होता है ।
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