क्रिया के जिस रूप से कार्य पूर्ण होने का समय ज्ञात हो, वह काल कहलाता है ।
भूतकाल के निम्नलिखित 6 भेद है :
अपूर्ण भूत - जहाँ भूतकाल की क्रिया अभी पूर्ण नहीं हुई है, वह अपूर्ण भूत है।
संदिग्घ भूत - क्रिया के जिस रूप से भूतकाल का बोध तो हो, परन्तु कार्य के पूर्ण होने में संदेह हो,
आसन्न भूत - क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने का समय निकट समझा जाये, वह आसन्न
जैसे - मैने निबंध लिखा है ।
पूर्ण भूत - क्रिया के जिस रूप से पता चले कि कार्य पूर्ण हुए कॉफी समय बीत चूका है, वह पूर्ण भूत
जैसे - उसने शेर देखा था ।
हेतुहेतुमद भूत - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया भूतकाल में होती; किन्तु किसी कारन से नहीं हुई, हेतुहेतुमद भूत कहलाता है ।
वर्तमान काल - क्रिया के जिस रूप से पता चले कि कार्य अभी हो रहा है, वह वर्तमान काल कहलाता है ।
वर्तमान काल के निम्नलिखित 3 भेद होते है :
सामान्य वर्तमान - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की कार्य वर्तमान काल में सामान्य रूप से हो रहा
अपूर्ण वर्तमान काल - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की कार्य अभी चल ही रहा है । समाप्त नहीं
हुआ है वह अपूर्ण वर्तमान काल कहलाता है ।
जैसे - गौरव आ रहा है ।
संदिग्घ वर्तमान काल - क्रिया के जिस रूप में कार्य का होने का संदेह हो, वह संदिग्घ वर्तमान
भविष्य काल - क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में उसके करने या होने का बोध होता हो,
काल के भेद :
भूत काल (Past Tense )
वर्तमान काल (Present Tense )
भविष्य काल (Future Tense )
भूतकाल - क्रिया का वह रूप जिससे कार्य के बहुत में सम्पन्न होने का बोध हो, उसे भूतकाल कहते है ।
जैसे - वह सो रहा था ।
माता जी कल कानपुर गई थीं ।
उपर्युक्त वाक्यों में सो रहा था, गई थीं, क्रियाओं से बीते हुए समय का बोध होता है । अतः ये भूतकाल की क्रियाएँ है ।
भूतकाल के निम्नलिखित 6 भेद है :
- सामान्य भूत (simple Tense)
- अपूर्ण भूत (Incomplete Tense)
- संदिग्घ भूत (Doubtful Tense)
- आसन्न भूत (Recent Tense)
- पूर्ण भूत (Complete Tense)
- हेतुहेतुमद बहुत (Conditional Tense)
सामान्य भूत - जहाँ बीते हुए समय में काम के होने का बोध हो, वहाँ सामान्य भूत होता है ।
जैसे - मैने निबंध लिखा ।
अपूर्ण भूत - जहाँ भूतकाल की क्रिया अभी पूर्ण नहीं हुई है, वह अपूर्ण भूत है।
जैसे - मै निबंध लिख रहा था ।
संदिग्घ भूत - क्रिया के जिस रूप से भूतकाल का बोध तो हो, परन्तु कार्य के पूर्ण होने में संदेह हो,
वह संदिग्घ भूतकाल कहलाता है ।
जैसे - मैने निबंध लिखा होगा ।
आसन्न भूत - क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने का समय निकट समझा जाये, वह आसन्न
भूत कहलाता है ।
जैसे - मैने निबंध लिखा है ।
पूर्ण भूत - क्रिया के जिस रूप से पता चले कि कार्य पूर्ण हुए कॉफी समय बीत चूका है, वह पूर्ण भूत
कहलाता है ।
जैसे - उसने शेर देखा था ।
हेतुहेतुमद भूत - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया भूतकाल में होती; किन्तु किसी कारन से नहीं हुई, हेतुहेतुमद भूत कहलाता है ।
जैसे - यदि गौरव आता तो मै अवश्य चलता ।
वर्तमान काल - क्रिया के जिस रूप से पता चले कि कार्य अभी हो रहा है, वह वर्तमान काल कहलाता है ।
जैसे - विपुल चित्र बना रहा है ।
वर्तमान काल के निम्नलिखित 3 भेद होते है :
सामान्य वर्तमान काल (Present Indefinite)
अपूर्ण वर्तमान काल (Present Continuous)
संदिग्घ वर्तमान काल (Doubtful Present)
सामान्य वर्तमान - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की कार्य वर्तमान काल में सामान्य रूप से हो रहा
है, वह सामान्य वर्तमान कहलाता है ।
जैसे - गौरव आता है ।
अपूर्ण वर्तमान काल - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की कार्य अभी चल ही रहा है । समाप्त नहीं
हुआ है वह अपूर्ण वर्तमान काल कहलाता है ।
जैसे - गौरव आ रहा है ।
संदिग्घ वर्तमान काल - क्रिया के जिस रूप में कार्य का होने का संदेह हो, वह संदिग्घ वर्तमान
काल कहलाता है ।
जैसे - गौरव आता होगा ।
भविष्य काल - क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में उसके करने या होने का बोध होता हो,
उसे भविष्य काल कहते है ।
जैसे - गौरव आएगा ।
भविष्य काल के भेद :
भविष्य काल के 2 भेद होते है :
सामान्य भविष्य काल (Simple Future)
सम्भाव्य भविष्य काल (Doubtful Future)
सामान्य भविष्य काल - भविष्य काल की जिस क्रिया से यह सूचित हो कि क्रिया भविष्य में एक या
अनेक बार होगी, उसे सामान्य भविष्य काल कहते है ।
जैसे - गौरव आएगा ।
सम्भाव्य भविष्य काल - क्रिया के जिस रूप से भविष्य काल में कार्य के होने में संदेह अथवा संभावना पाई जाये, वह सम्भाव्य भविष्य काल कहलाता है ।
जैसे - संभव है गौरव आए ।
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