अव्यय -
परिभाषा -
अव्यय का अर्थ है - अ+व्यय अर्थात खर्च न होने वाले । अतः अव्यय वे शब्द है, जिनमे लिंग वचन पुरुष कल आदि की दृस्टि से कोई रूप परिवर्तन नहीं होता । इन्हे अविकारी शब्द भी कहा जाता है ।
जैसे - खरगोश तेज भागता है ।
लोमड़ी तेज भागती है ।
(लिंग - परिवर्तन)
मै धीरे चलता हूँ ।
हम सब धीरे चलते है ।
(वचन - परिवर्तन)
अमृत आज दिल्ली जायेगा ।
अमृत आज दिल्ली जाना है ।
कारक - चिह्र प्रभाव एवं काल
उपर्युक्त वाक्यो में आपने देखा कि तेज, धीरे, आज शब्द लिंग, वचन, कारक - चिन्ह्र काल के परिवर्तन हो जाने पर भी ज्यों - के - त्यों बने रहते है । अतः ये अविकारी शब्द है ।
अव्यय शब्दों के भेद
-क्रिया - विशेषण
-संबंधबोधक
-समुच्चयबोधक
-विस्मयादिबोधक
क्रिया - विशेषण -
पेड़ धीरे - धीरे बड़ा होने लगा ।
थोड़ा - थोड़ा अभ्यास करो ।
वह अधिक बोलता है ।
धीरे - धीरे, थोड़ा - थोड़ा, अधिक शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे है । वह शब्द क्रिया - विशेषण है ।
क्रिया - विशेषण के भेद
-रीतिवाचक क्रिया - विशेषण
-स्थानवाचक क्रिया - विशेषण
-कालवाचक क्रिया - विशेषण
-परिणामवाचक क्रिया - विशेषण
रीतिवाचक क्रिया - विशेषण -
जो क्रिया - विशेषण शब्द verb के होने की ढंग की विशेषता का बोध कराते है, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते है ।
जैसे - श्याम धीरे- धीरे खाता है ।
शोर मत करो ।
(धीरे- धीरे,मत, रीतिवाचक क्रिया - विशेषण है )
स्थानवाचक क्रिया - विशेषण -
विशेषण शब्द क्रिया के घटित होने के स्थान का ज्ञान कराते है, उसे स्थानवाचक क्रिया - विशेषण कहा जाता है ।
जैसे - भीतर बहुत गर्मी है ।
इधर - उधर मत घूमो ।
कालवाचक क्रिया - विशेषण -
जो क्रिया - विशेषण शब्द क्रिया के घटित होने अथवा करने के समय का बोध कराते है, उन्हें कालवाचक क्रिया - विशेषण कहा है ।
परिणामवाचक क्रिया - विशेषण -
जो क्रिया - विशेषण क्रिया के परिणाम (मात्रा /माप -तौल ) का बोध कराते है, वह परिणामवाचक क्रिया - विशेषण कहते है ।
परिभाषा -
अव्यय का अर्थ है - अ+व्यय अर्थात खर्च न होने वाले । अतः अव्यय वे शब्द है, जिनमे लिंग वचन पुरुष कल आदि की दृस्टि से कोई रूप परिवर्तन नहीं होता । इन्हे अविकारी शब्द भी कहा जाता है ।
जैसे - खरगोश तेज भागता है ।
लोमड़ी तेज भागती है ।
(लिंग - परिवर्तन)
मै धीरे चलता हूँ ।
हम सब धीरे चलते है ।
(वचन - परिवर्तन)
अमृत आज दिल्ली जायेगा ।
अमृत आज दिल्ली जाना है ।
कारक - चिह्र प्रभाव एवं काल
उपर्युक्त वाक्यो में आपने देखा कि तेज, धीरे, आज शब्द लिंग, वचन, कारक - चिन्ह्र काल के परिवर्तन हो जाने पर भी ज्यों - के - त्यों बने रहते है । अतः ये अविकारी शब्द है ।
अव्यय शब्दों के भेद
-क्रिया - विशेषण
-संबंधबोधक
-समुच्चयबोधक
-विस्मयादिबोधक
क्रिया - विशेषण -
पेड़ धीरे - धीरे बड़ा होने लगा ।
थोड़ा - थोड़ा अभ्यास करो ।
वह अधिक बोलता है ।
धीरे - धीरे, थोड़ा - थोड़ा, अधिक शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे है । वह शब्द क्रिया - विशेषण है ।
क्रिया - विशेषण के भेद
-रीतिवाचक क्रिया - विशेषण
-स्थानवाचक क्रिया - विशेषण
-कालवाचक क्रिया - विशेषण
-परिणामवाचक क्रिया - विशेषण
रीतिवाचक क्रिया - विशेषण -
जो क्रिया - विशेषण शब्द verb के होने की ढंग की विशेषता का बोध कराते है, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते है ।
जैसे - श्याम धीरे- धीरे खाता है ।
शोर मत करो ।
(धीरे- धीरे,मत, रीतिवाचक क्रिया - विशेषण है )
स्थानवाचक क्रिया - विशेषण -
विशेषण शब्द क्रिया के घटित होने के स्थान का ज्ञान कराते है, उसे स्थानवाचक क्रिया - विशेषण कहा जाता है ।
जैसे - भीतर बहुत गर्मी है ।
इधर - उधर मत घूमो ।
कालवाचक क्रिया - विशेषण -
जो क्रिया - विशेषण शब्द क्रिया के घटित होने अथवा करने के समय का बोध कराते है, उन्हें कालवाचक क्रिया - विशेषण कहा है ।
परिणामवाचक क्रिया - विशेषण -
जो क्रिया - विशेषण क्रिया के परिणाम (मात्रा /माप -तौल ) का बोध कराते है, वह परिणामवाचक क्रिया - विशेषण कहते है ।
No comments:
Post a Comment