कारक (case)

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नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए :                              

श्री राम ने पिता की आज्ञा का पालन किया ।                        

पंचवटी में लक्ष्मण ने पर्णकुटी तैयार की ।

रावण ने सीता जी का हरण किया ।

जटायु ने सीता जी को छुड़ाने के लिए रावण से संघर्ष किया ।

श्री राम ने युद्धभूमि में रावण को मारा  ।


उपर्युक्त वाक्यों में क्रमशः ने, की, का, में, के लिए, से और को  आदि ऐसे विशेष चिन्ह लगे है जिनके कारण वाक्यों के स्वरुप में भिन्नता आ गई है । ये चिन्ह परसर्ग कहलाते है ।

परिभाषा -  संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप के द्वारा वाक्य के दूसरे शब्दों से संबंध जाना है, वह कारक                            कहलाता  है ।


कारको  के  भेद :


कारकों के निम्नलिखित आठ भेद है :

  • कर्ता  कारक (Nominative case )              ने 
  • कर्म कारक  (Objective Case )                को                
  • करण कारक (Instrumental Case )          से (द्वारा)
  • सम्प्रदान करण (Dative Case )               के लिए 
  • अपादान कारक (Ablative Case )             से (पृथक)
  • संबंध कारक  (Genative Case )               का, की, के 
  • अधिकरण कारक (Locative Case )          में, पे, पर 
  • सम्बोधन कारक (Vocative Case )           हे ! अरे !


कर्ता  कारक  (ने)  -  जिस रूप से क्रिया करने वाले का बोध होता है, वह कर्ता कारक कहलाता है। इसका                                          विभक्ति निशान 'ने' है ।

जैसे -

श्रीकृष्ण ने कंस को मारा ।

स्वाति पढ़ती है ।

विनोद ने कविता सुनाई ।

संगीता कहानी लिख रही है ।


उपर के वाक्यो में पहले और तीसरे वाक्यों में विभक्ति - चिन्ह 'ने' का प्रयोग हुआ है तथा दूसरे और चौथे वाक्यों में नहीं हुआ । इससे स्पष्ट हो जाता है कि  कर्ता की 'ने' विभक्ति - चिन्ह का प्रयोग भूतकाल में ही होता है ।


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