विशेषण

धरती गोल है ।
काला घोडा तेज दौड़ रहा है । 
हे वीर सैनिक !तुम्हे प्रणाम। 
एक किलो आलू ले आऔ । 
कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे है । 

उपर्युक्त वाक्यों में 'गोल', 'काला', 'वीर', एक किलो और 'कुछ' शब्द क्रमशः 'धरती', 'धोडा', 'सैनिक', आलू और बच्चे संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे है । 
अतः ये सभी विशेषण शब्द है । 

परिभाषा -  

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष ), मात्रा और संख्या बतलाते है, वे 'विशेषण' कहलाते है । विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बतलाते है, वे विशेष्य कहलाते है । 


 विशेषण के भेद :

विशेषण के 4 भेद होते है ।

-  गुणवाचक विशेषण
-  परिणामवाचक विशेषण
-  संख्यावाचक विशेषण
-  संकेतवाचक विशेषण

गुणवाचक विशेषण -

 जिन शब्दो से किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, आकर, स्थान, रंग, काल, दशा आदि का बोध हो , उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते है ।

जैसे -

राजा हरिश्चंद 'सत्यवादी' थे ।

इस वाक्य में 'सत्यवादी' शब्द राजा हरिश्चंद का गुण बता रहा है । अतः यह शब्द गुणवाचक विशेषण है । कुछ प्रचलित गुणवाचक विशेषण इस प्रकार है :

गुण  -  ईमानदार, सरल, योग्य, मेहनती, उदार, परिश्रमी, सत्यनिष्ठ, बुद्धिमान आदि ।

दोष  -  बेईमान, कुटिल, अयोग्य, आलसी, दुष्ट, पापी, नीच, मुर्ख आदि ।

आकर - प्रकार  -  खुरदरा, लम्बा, चौड़ा, गोल, चौरस, आयताकार आदि ।

रूप-रंग -  सुन्दर, आकर्षण, गोरा, काला, साँवला , गुलाबी आदि ।

अवस्था -  ऊपरी, बाहरी, स्थिर, पिछला, निचला आदि ।

गंध  -  गंधहीन, सुगंधित, सुवासित, दुर्गन्धयुक्त आदि ।

स्वाद -  मीठा, कड़वा, कसैला, खट्टा, फीका आदि ।

देश-काल  - प्राचीन, भावी, गत, भारतीय, पंजाबी, सिंधी, नेपाली आदि ।

परिणामवाचक विशेषण -  

जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की नाप - तौल (मात्रा ) का बोध हो , उन्हें परिणामवाचक विशेषण कहते है ।

जैसे -

उसकी दुकान में बहुत मिठाई रहती है ।
सुरेखा ने चार मीटर कपड़ा खरीदा ।

उपर्युक्त वाक्यो में 'मिठाई' और 'कपडे' की मात्रा व्यक्त हुई है । अतः  'बहुत' और
'चार मीटर' परिणामवाचक विशेषण है ।

परिणाम वाचक विशेषण के 2 भेद होते है

- निश्चित परिणाम वाचक विशेषण

- अनिश्चित परिणाम वाचक  विशेषण


निश्चित परिणामवाचक विशेषण -

जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित मात्रा  का बोध होता है , उन्हें निश्चित परिणाम वाचक कहते है ।

जैसे -  दस किलो चावल, एक तन दाल आदि ।


अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण -

जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित नाप- तौल का बोध नहीं होता है । उन्हें अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते है ।

जैसे -  लोटा भर दूध, कम घी, थोड़ा नमकीन आदि ।


संख्यावाचक विशेषण -

ऐसे शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या संबंधी विशेषता का बोध कराते है, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते है ।

जैसे -  राजा दशरथ की तीन रानियाँ थी ।
          मेरा भाई कक्षा में प्रथम आया है ।

उपरोक्त वाक्यो में 'तीन' और 'प्रथम' विशेषण रानियाँ और स्थान की संख्या विषयक विशेषता प्रकट करते है । अतः 'तीन' और 'प्रथम' संख्यावाचक विशेषण है ।


इसके दो मुख्य भेद है : 

- निश्चित संख्यावाचक विशेषण

- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण


निश्चित संख्यावाचक विशेषण -

संज्ञा और सर्वनाम की जैसी-वैसी संख्या का ज्ञान कराने वाले विशेषण निश्चित संख्यावाचक विशेषण होते है ।
जैसे -  चार सेब, एक दर्जन, केले, प्रथम श्रेणी आदि ।


अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण -

जो संख्यावाचक विशेषण 'विशेष्य' की निश्चित  संख्या का बोध नहीं कराते, उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहे जाते है ।

जैसे -  कुछ सेब , सभी बालक , बहुत लोग आदि ।

संकेतवाचक विशेषण -

ऐसे विशेषण  शब्द संज्ञा और सर्वनाम की ओर संकेत करते है, वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते है ।  ये सार्वनामिक  विशेषण भी कहलाते है ।

जैसे -  वह किताब राहुल की है ।
           कोई स्त्री आ रही है ।

उपर्युक्त वाक्यो में 'वह' और 'कोई' सर्वनाम क्रमशः 'किताब' और 'स्त्री' संज्ञा शब्दों को विशेषता बताने के कारण विशेषण हो गए है ।



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