आज संज्ञा के बारे में जानेंगे । कुछ वाक्यों को ध्यान से पढ़िए :
सर्वनामों से भाववाचक संज्ञाये बनाना :
क्रियाओं से भाववाचक संज्ञाये बनाना :
- गुजरात की राजधानी अहमदाबाद है ।
- रामायण हिन्दुओं का पवित्र ग्रन्थ है ।
- बुराई से बचो ।
- पशु घास चार रहे है ।
- कपिल गौरव को पढ़ता है ।
- अहिंसा का पालन करो ।
- लड़के कक्षा में पढ़ रहे है ।
गुजरात, अहमदाबाद विशेष स्थानों के नाम है ।
बुराई, अहिंसा भावों के नाम है ।
कपिल, गौरव विशेष व्यक्तियों के नाम है ।
लड़के, पशु जातियों के नाम है ।
उपर्युक्त उदाहरणों से पता चलता है कि इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भाव का कुछ - न - कुछ नाम अवश्य होता है । यह नाम ही संज्ञा कहलाता है । संज्ञा नाम का समानार्थी शब्द है ।
परिभाषा :
किसी व्यक्ति, स्थान, प्राणी और भाव का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते है, जैसे - होली, भारत, चुनाव आदि।
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संज्ञा के भेद (kind of noun )
व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun )
जातिवाचक संज्ञा (common noun )
भाववाचक संज्ञा (abstract noun )
व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun )-
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति स्थान और वस्तु का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है । जैसे -
मोहन एक अच्छा लड़का है ।
हरियाणा राज्य में अनेक औद्योगिक नगर है ।
जातिवाचक संज्ञा (common noun )-
जब कोई संज्ञा शब्द एक ही प्रकार के सभी प्राणियों,वस्तुओं आदि का बोध कराता है, तो इससे उस प्राणी या वस्तु की पूरी जाति का बोध होता है, इसलिए ऐसे संज्ञा - शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है ।
जैसे -
हमें पशु - पक्षियों से प्रेम करना चाहिए ।
भाववाचक संज्ञा (abstract noun )-
जो संज्ञा शब्द गुण, कर्म, दशा, अवस्था आदि भावों का बोध कराते है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते है ।
जैसे -
सबसे प्रेम करो, घृणा नहीं ।
बुराई से बचो । (भाववाचक संज्ञा)
ध्यान दे - भाववाचक संज्ञाएँ जब बहुवचन में प्रयोग की जाती है तो वे जातिवाचक बन जाती है ।
बुराइयाँ मनुष्य को पतन की ओर ले जाती है । (जातिवाचक संज्ञा )
कुछ विद्वान संज्ञा के दो भेद और भी मानते है -
समूहवाचक संज्ञा (collective noun )
द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun )
समूहवाचक संज्ञा (collective noun )-
जिस संज्ञा शब्द से किसी समूह का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है, जैसे -
चाबी का गुच्छा मेज पर रख दो ।
स्वयं सेवको का एक दल राष्ट्रपति से मिला ।
द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun )-
जिस संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य या धातु का बोध हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है । द्रव्यवाचक संज्ञा की विशेषता है कि इन संज्ञाओ को गिना नहीं जा सकता, केवल नापा - तोला ही जा सकता है । जैसे -
स्वर्ण आभूषण अत्यंत सुन्दर लगते है ।
आजकल चाँदी महँगी है ।
भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
जातिवाचक संज्ञाओ से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
- बच्चा = बचपन
- अमर = अमृता
- डाकू = डाका
- गुरु = गौरव
- शिक्षक = शिक्षा
- साधु = साधुता
- वीर = वीरता
- पंडित = पांडित्व
- पशु = पशुता
- शिशु = शैशव
- दास = दासता
- रंग = रंगत
- सर्व = सर्वस्व
- आप = आपा
- अपना = अपनापन
- निज = निजता
- अहं = अहंकार
- पराया = परायापन
- मम = ममता
विशेषणों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
- सुन्दर = सुंदरता
- सम = समानता
- चतुर = चतुरता
- विषम = विषमता
- मधुर = मधुरता
- आलसी = आलस्य
- अच्छा = अच्छाई
- बुरा = बुराई
- हीन = हीनता
- चिकना = चिकनाहट
- लोभ = लोभी
- युवा = यौवन
- साफ = सफाई
क्रियाओं से भाववाचक संज्ञाये बनाना :
- मिलाना = मिलावट
- उतरना = उतार
- पीसना = पिसावट
- लूटना = लूट
Help me with bhav vachak
ReplyDeletevyakti
Chodna
Chunav
औद्योगिक शब्द किस संज्ञा में आता है?
ReplyDeletesir aapne bahut hi achha Sangya ke bare me bataya
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